National Youth Day 2024: हमारे देश में युवा शक्ति को समर्पित करने के लिये एक महत्वपूर्ण और उत्साहभरा पर्व राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर साल 12 जनवरी को मनाया जाता है, जो स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के रूप में समर्पित है। यह दिन युवा पीढ़ी को समर्पित है, जो हमारे देश के भविष्य का निर्माण करेगी। आईये जानते हैं राष्ट्रीय युवा दिवस का विश्व गुरू स्वामी विवेकानंद का क्या संबंध है?
National Youth Day राष्ट्रीय युवा दिवस के शुरूआत
विश्व जगत गुरू स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। इस दिन की याद में स्वामी विवेकानंद जयंती मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को भावी युवा पीढ़ी को संबोधित किया गया है। भारत में पहली बार युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुये स्वामी विवेकानंद जयंती के रूप में वर्ष 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया था। स्वामी विवेकानंद के विचार और आदर्श युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा के श्रोत है। इस दिन स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायी श्रोतों, विचारों और आदर्शों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिये 12 जनवरी 1984 में स्वामी विवेकांनद जयंती को National Youth Day के रूप मनाये जाने का निर्णय किया गया। तब से स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस को प्रतिवर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद के इतिहास की एक झलक (National Youth Day)
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को भुनेश्वर में हुआ था। स्वामी जी के बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। माता भुनेश्वरी देवी भगवान के प्रति आपार श्रद्धा रखती थी। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पेशे से वकील थे। नरेन्द्र बचपन से ही मेधावी थे। उनकी बुद्धि इतनी तीव्र थी कि एक बार जो पढ़ लेते थे, वह उन्हें याद हो जाता था। स्वामी विवेकानंद गुरू के नाम रामकृष्ण परमहंस है। इन्हीं के सानिध्य में रहकर ज्ञान अर्जित किये, जिसके बाद स्वामी विवेकानंद विश्व गुरू बने। स्वामी विवेकानंद 11 सितम्बर 1893 को सिकागों में धर्मसभा भाषण दिया। उनकी भाषण में स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका को संबोधित किया-‘‘मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों’’। यह सुनकर सभा हाल में दर्शकों के तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हाल गूंज उठा। स्वामी जी का यहां दिया गया भाषण भारत के लिये गर्व का विषय था। यहीं से स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्धि पूरी दुनिया में फैल गई। स्वामी विवेकानंद भारत आकर दीन-दुखियों के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। भारत की दरिद्रता मिटाने के लिये भारत को शिक्षित करने पर जोर दिया। स्वामी विवेकानंद पूरी दुनिया में प्रेरणा के श्रोत है। स्वामी विवेकानंद जी ने 39 साल की उम्र में अपना देह त्याग कर दिया।
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युवाओं के लिये प्रेरणाश्रोत (National Youth Day)
स्वामी विवेकानंद ने भारत देश की गरीबी, शिक्षा, छुआछूत और अनेक समस्याओं के समाधान के लिये जो संदेश दिये, वे आज भी स्वामी विवेकानंद के विचार और आदर्श युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। स्वामी विवेकांद के जन्मदिन को National Youth Day के रूप में मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य उनके दर्शन, सिद्धांत, विचार और आदर्श अपने जीवन में अनुसरण करना है। उनके विचार, सिद्धांत और आदर्श युवाओं में नई शक्ति और ऊर्जा का संचार करते हैं।
स्वामी विवेकानंद धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान और साहित्य के विद्धान थे। इन विधाओं में महारथ हालिस करने बाद संगीत में भी इनकी गहरी रुचि थी। विवेकानंद के अनमोल और प्रेरणादायक विचार युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं। यही कारण है कि, स्वामी विवेकानंद की जयंती को 12 जनवरी दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मनाया जाता है. इस दिन विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम के आयोजन होते हैं। उनके संदेशों को पढ़कर सुनाया जाता है। विद्यार्थियों और गणमान्य नागरिकों के द्वारा रैलियां निकाली जाती हैं।
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