भारतीय इतिहास में ऐसे कई महान नेता हुए हैं, जिनका योगदान देश के एकता और समृद्धि के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। सरदार वल्लभभाई पटेल भी उनमें से एक थे, जिन्होंने अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ देश की एकता को बढ़ावा दिया और उसके लिए बलिदान दिया।
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात में हुआ था। वह गुजरात के एक वकील थे, लेकिन उनकी वकालत ने केवल कानूनी मामलों की सुनवाई ही नहीं की, बल्कि उन्होंने देश की एकता और समानता के लिए हमेशा लड़ने का आलंब लिया। उन्होंने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का नारा दिया, जो आज भी हमारे देश को प्रेरित करता है।
पटेल को “लौह पुरुष” के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपनी स्थिरता और निर्णयशीलता के साथ देश के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया और स्वतंत्रता सेनानियों के साथ संघर्ष किया। एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है 31 अक्टूबर, जिसे हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पटेल की जयन्ती के रूप में मनाया जाता है, और उनके 550 से अधिक रियासतों को भारत संघ में एकीकृत करने के उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया जाता है।
पटेल का सबसे बड़ा योगदान विभाजित भारत को एकत्र करने में था। स्वतंत्रता के बाद, वे रियासतों को भारतीय संघ में शामिल करने के लिए कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार थे। उन्होंने अपने कूटनीतिक कौशल और नेतृत्व के माध्यम से इस कार्य को साफलता दिलाई, जिससे देश की क्षेत्रीय अखंडता की नींव रखी गई। राष्ट्रीय एकता दिवस देश को याद दिलाता है कि एकजुटता में ही देश की शक्ति है, और “विविधता में एकता” का संदेश देता है। इस दिन को मनाकर हम भारतीयों को अपने देश के एकता और समरसता की महत्वपूर्ण भावना को याद दिलाते हैं।
2014 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य सरदार पटेल की विरासत का सम्मान करना था। उनके योगदान के महत्व को रेखांकित करने के लिए उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय देश के लिए महत्वपूर्ण था। 2018 में, सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में भव्य स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर सरदार पटेल के महत्वपूर्ण योगदान की स्मृति में उनके कार्यों को याद करते हैं, जो भारतीय एकता के लिए उन्होंने किए।
सरदार पटेल के बलिदान और सामर्थ्य ने भारतीय संघ को एकजुट किया और उसे अधिक शक्तिशाली बनाया। उन्होंने देश को उसकी विविधता के बावजूद एक समर्पित, सशक्त, और सामूहिक भारत की दिशा में आगे बढ़ाने का संदेश दिया। वे हमारे लिए एक महान उदाहरण हैं, जिनसे हम सबको साथ आकर्षित होकर एक समृद्ध, एकत्रित भारत की दिशा में अग्रसर होने के लिए प्रेरित होना चाहिए।