Narayanpur- नारायणपुर से लगभग 45 कि.मी. दूर घोर नक्सल क्षेत्र ग्राम इरकभट्ठी में 21 नवम्बर 2023 को ग्रामीणों ने आंदोलन का वर्षगांठ मनाया। इस वर्षगांठ में हजारों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुये। घोर नक्सल प्रभावित अबुझमाड़ के ग्राम इरकभट्ठी, तोयामेटा और ढोढरबेड़ा में विगत एक साल से ग्रामीण अपने तीन सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत रहे हैं। इस उपलक्ष्य में ग्राम इरकभट्ठी में आंदोलन का वर्षगांठ बड़े जोर-शोर में मनाया। इनकी तीन सूत्रीय मांगों में जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा, मूल पेसा कानून लागू करना इसके साथ ही वन संरक्षण अधिनियम में हुए बदलाव को निरस्त करना आंदोलन का मुख्य उद्देश्य है।
आज एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हजारों ग्रामीण धरना स्थल में एकत्र हुए। ग्रामीण द्वारा अपने पारंपरिक मांदरी नाच और रैली निकाल कर आंदोलन का वर्षगाँठ बड़े ही धूमधाम और जोश से मनाया।
आंदोलन में उपस्थित ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक वर्ष से आंदोलन जारी होने के बावजूद सरकार द्वारा मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिए जाने से ग्रामीण काफी नाखुश है और आंदोलन को अनिश्चितकालीन जारी रखा जाना है। अपने मांगों को लेकर अबूझमाड़ के इरकभट्टी में ग्रामीण पिछले एक साल से धरने पर हैं और एक साल धरने का समय गुजरने से जश्न मनाया जा रहा है। इसमें जल, जंगल, जमीन को बचाना इनका मुख्य उद्देश्य रहा है। आंदोलन में सिरकत कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि जल, जंगल, जमीन को यदि नुकसान होता है तो कहीं ना कहीं उस क्षेत्र के लोगों को भी नुकसान होता है और उसका खामियाजा एक लंबे समय तक के उस क्षेत्र के पीढ़ी दर पीढ़ी को भुगतना पड़ता है। इसी संदेश को लेकर लगातार ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं।
आंदोलन के वर्षगांठ में पारंपरिक वेषभूषा में मांदरी नृत्य के माध्यम से सरकार को संदेश दिया गया। आंदोलन के तीन मांगें जल, जंगल, जमीन का संरक्षण और वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव को निरस्त करने अपने नृत्य और गान के माध्यम से सरकार को ध्यान आकर्षिक किया गया।