राजाराव पठार में वीर मेला आज से यानि 08 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। राजाराव पठार धमतरी से कांकेर मार्ग के बीच धमतरी से 15 कि.मी. दूर स्थित है। यह बालोद जिला के सीमा पर स्थित है। वीर मेला छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की याद में मनाया जाता है। इस कार्याक्रम में आदिवासी समाज के सामाजिक कार्यकर्ता और आदिवासी समाज के नेतागण उपस्थित होते है और कार्यक्रम को सफल बनाते है।
आदिवासी देवी-देवाओं का पूजन व नृत्य
राजाराव पठार में वीर मेला आदिवासियों का एक भव्य महोत्सव है। यह मेला 03 दिनों तक होता है। इस दौरान 10 दिसम्बर को शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और शोभा यात्रा भी निकाली जाती है। इस मेले में कांकेर, धमतरी और बालोद जिले के वन्य क्षेत्र के आदिवासी समाज देवी-देवता, डांग-डोरी और आंगा देवता को पूजापाठ के लिये लाते है। मेले में मिठाई की दुकान, मनिहारी और बड़े-बड़े झूले देखने को मिलते है।
आदिवासी संस्कृति का कार्यक्रम आयोजन
वीर मेला आयोजन समिति द्वारा भव्य मेला में भव्य आदिवासी संस्कृति का कार्यक्रम आयोजन कराता है। इस मेले में अलग-अलग स्थानों से आदिवासी संस्कृति की झलक पेश की जाती है। इस वर्ष पुरूर, किन्दरवाड़ा (सुकमा), नेगानार (दरबा), रेलापाटा (नरहरपुर) और सुकमा के द्वारा संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम पेश किये जायेंगे। 9 दिसम्बर और 10 दिसम्बर को भी भव्य संस्कृति के कार्यक्रम आयोजन किये जायेगें, इसके साथ ही रंगमंच कार्यक्रम भी प्रस्तुति की जायेगी।